Tuesday 31 May 2016

अधूरी नज़्म


Also published in AajSirhaane

अपनी पुरानी डायरी के पन्नो को पलटते हुए
बीते हुए पलों से मिलना चाहती थी
एक नज़्म दिखी उसमे अधूरी सी
उस अधूरी नज़्म को मैं पूरा करना चाहती थी

एक चौथाई पन्ने पर सिमटी
कुछ जख्मी से एहसासों में लिपटी
शायद मुझे कुछ याद दिलाना चाहती थी
उस अधूरी नज़्म को मैं पूरा करना चाहती थी

मेरे अपने ही वो ज़ज़्बात जैसे गैर हो चुके थे 
शब्दों की तरह अब कुछ धुंधले हो चुके थे
धुंधले से उन शब्दों को -जज्बातों को जाने क्यों पढ़ना चाहती थी
उस अधूरी नज़्म को मैं पूरा करना चाहती थी

कुछ शब्द नए जोड़े पर वो उसमे घुल न पाए
किसी पुरानी जीन्स में रफू की तरह अलग से उभर आये
अपने कल से अपने आज को जाने क्यों जोड़ना चाहती थी
उस अधूरी नज़्म को मैं पूरा करना चाहती थी

एक रोज मेरे ही दिल से निकली थी
लेकिन आज मुझसे ही कुछ अजनबी सी थी
कुछ कह कर भी कुछ छुपाना चाहती थी
शायद... हाँ शायद...
वो नज़्म अधूरी ही रहना चाहती थी

Sunday 22 May 2016

दर्पण




जब भी किसी दोस्त की कमी महसूस करती हूँ
मैं दर्पण से बातें करती हूँ
 

मन कहता है ये मैं नहीं, कोई और है
मेरा हमराज़ मेरा हमदर्द है
वो मुझे समझाता है की मेरे ये आंसू
मेरी ही किसी मुस्कान का क़र्ज़ है
जाने किन् ख्यालों में हूँ
खुद ही हंसाती हूँ खुद ही हंसती हूँ
मैं दर्पण से बातें करती हूँ
 
बस यूँ महसूस होने ही लगा था
की अब किसी और दोस्त की ज़रूरत नहीं
भरम से जाग उठा ये मन तभी, बोला  
इस परछाई की कोई शक्शियत नहीं
मेरा दोस्त एक परछाई है
इस हक़ीक़त से डरती हूँ
मैं दर्पण से बातें करती हूँ
 
एक हवा का झोंका आया, मेरा दोस्त कहीं खो गया
रह गयी तो सिर्फ एक परछाई
इतना बाँट के भी कुछ बंट न सका
और गहरी हो गई मेरी तन्हाई
अपने अस्तित्व को फैला कर
फिर खुद ही सिमट जाती हूँ
मैं दर्पण से बातें करती हूँ

Sunday 15 May 2016

Hope



Photo Credit - Asha Dimri


Hope is a good thing
It keeps me waiting for the love to return
Not a person but a feeling
Deep, tough, true
Unafraid of the pain it brings
But fearful of its absence
Of the void it leaves
When it's all gone
Love, faith, dreams
And the endless stories
Incomplete or with sad endings

Hope is a bad thing
It keeps me waiting
For what doesn't exist
A mirage?
A truth wrapped in a lie?
Or memories to turn real?
I don’t know what exactly
But it keeps me waiting
For the unreal
And I am happy
Or sad? I don't know

Hope is a strange thing
It keeps me alive between dead moments
The moments that belonged to me
Yet were strangers
It mends the broken dreams
Fills in the cracks of reality
And makes it new
As if it was never broken
Dreams and heart are anew
Sometimes for a moment
And sometimes a little longer