Wednesday, 3 February 2016

ज़िन्दगी

Photo Credit - Asha Dimri

एक एक पल से बुनी ये ज़िन्दगी

कुछ पलों में है हँसी तो कुछ में छुपी है ख़ामोशी


ये ज़िन्दगी तो हँसती रोती यादों का आशियाना है

रूठे पलों को जादू से कोई हमें मनाना है

यादों को चाहे साथी बना लो, बनाना ना हमसफ़र

यादों में रहती है उदासी, उदास न करना जीवन की डगर

यादों में खो जाती है कहीं पहचान आज की

कुछ पलों में है हँसी तो कुछ में छुपी है ख़ामोशी


हमने ज़िन्दगी से आने वाले कल का पता पूछा

तो वो हंसके हमें बोली इस आज को करो नहीं यु रुस्वा

बुरा नहीं जो इन आखों ने कल के सपने सजाये

पर उसके पीछे यूँ न भागो की ये आज कहीं खो जाये

बीते हुए ये पल फिर लौटाएगी नहीं ज़िन्दगी

कुछ पलों में है हँसी तो कुछ में छुपी है ख़ामोशी


हर पल नया कुछ रंग नए लाता है

हर गुज़रता लम्हा ये एहसास दिलाता है

एक पल की कीमत को हमने जाना है

किसी लम्हे को अब कहीं गंवाना नहीं

हर पल में न जाने कितनी सौगातें बसी

कुछ पलों में है हँसी तो कुछ में छुपी है ख़ामोशी

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